Sunday 29 September 2013

डा॰हरीओम पवार

1.

जो सीने पर गोली खाने को आगे बढ़ जाते थे,

भारत माता की जय कह कर फ़ासीं पर जाते थे |

जिन बेटो ने धरती माता पर कुर्बानी दे डाली,

आजादी के हवन कुँड के लिये जवानी दे डाली !

वे देवो की लोकसभा के अँग बने बैठे होगे

वे सतरँगी इन्द्रधनुष के रँग बने बैठे होगे !

दूर गगन के तारे उनके नाम दिखाई देते है

उनके स्मारक चारो धाम दिखाई देते है !

जिनके कारण ये भारत आजाद दिखाई देता है

अमर तिरँगा उन बेटो की याद दिखाई देता है !

उनका नाम जुबा पर लो तो पलको को झपका लेना

उनको जब भी याद करो तो दो आँसू टपका लेना

उनको जब भी याद करो तो दो आँसू टपका लेना....

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